Sunday, December 26, 2021

Social Media Green Screen video VFX - Poem



Social Media Green Screen video VFX - Poem by Col Vasant Ballewar (Takhallus Pen Name Teer). वक़्त की नज़ाकत! वक़्त की नज़ाकत, समय समझा ना पाया जब वक़्त था, तब समय नहीं था आज़ समय हैं, पर वक़्त कहां हैं! सुना था घड़ी, समय और वक़्त एक जिस्म और दो जान हैं बहुत सी घड़ियां खरीदी, रंग-बिरंगी, सस्ती-महंगी सोचा, घड़ी के साथ समय भी हाथ आएगा घड़ियां तो बहुत सज गईं हाथों पर पर ना वक़्त और ना समय हाथ आया कई सुरमा, सिकन्दर, आए इस ज़मीपर खुद को समझ बैठें खुदा के बराबर पर समय से कोई जीत ना पाएं बड़ा ही अस्थिर, तरल सा होता हैं समय ना नज़र आता, ना महसूस होता हैं ये समय बस बहता हीं रहता, पर अहसास करा जाता हैं समय उलझे से रहते हैं हम जीवन-भर जो नहीं हैं उसे ही पाने की होड़ में जो सामने हैं उसकी महत्ता नहीं होती वक़्त हाथ से गुज़र जाता हैं जो साथ हैं वो भी ओझल हो जाता हैं उसकी अहमियत अब समझ आती हैं समय जो गुज़र गया, निकल गया अगला पल क्या होगा, नहीं पता, बस यहीं वक़्त हैं तुम्हारे हाथ में, जिसकी कुछ अहमियत हैं। 🎯 एक तीर, तीर की तरकश से.. कर्नल वसंत बल्लेवार 'तीर' ७३९१९१७१३२ #teerketeer #poembyteer #वक्तकीनज़ाकत #greenscreenvideo #vfx #chromatechnology #socialmediamarketing #jyotindrazaveri #socialmediatrainer

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