"रोटी देने के बजाय रोटी बनाना सिखाएं, पैसे देने के बजाय दिव्यांग सैनिकों को कौशल सिखाएं।"
रोटरी आत्मनिर्भर प्रोजेक्ट – साथ मिलकर संभव बनाएं Disability से Capability.
डिजिटल कौशल से आत्मनिर्भरता की ओर! विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम – दिव्यांग सैनिकों के लिए डिजिटल सफलता का नया अध्याय!
📖 प्रशिक्षण की शुरुआत एक प्रेरणादायक कहानी से होती है, जो हमें सिखाती है कि पुरुषार्थ (स्वयं प्रयास करना) ही सफलता की कुंजी है!
💡 लक्ष्य:
- ✔️ सैनिकों को आत्मनिर्भर बनाना
- ✔️ उन्हें एक सफल उद्यमी या बेहतरीन नौकरी पाने में सक्षम बनाना
- ✔️ आत्मविश्वास और कौशल विकसित करना
📌 क्या यह संभव है कि सोशल मीडिया आपकी जिंदगी बदल दे? हां, बिल्कुल! इस अनोखे प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिव्यांग सैनिकों को सोशल मीडिया विशेषज्ञ द्वारा डिजिटल मार्केटिंग, साइबर सुरक्षा और ChatGPT के टिप्स और ट्रिक्स सिखाए जा रहे हैं।
🌟 इस प्रशिक्षण से अब तक 85+ दिव्यांग सैनिक आत्मनिर्भर बन चुके हैं!
💙 सहायता करें और बदलाव का हिस्सा बनें!
📅 दिनांक: 03 फरवरी 2025 - 28 फरवरी 2025. 📍 स्थान: QMTI, खड़की, पुणे
✅ अब तक 85+ सैनिकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया जा चुका है! इस बार 30 और सेना के जवान आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ रहे हैं।
👨🏫 सम्माननीय प्रशिक्षक:
🔹रोटेरियन ज्योतिंद्र ज़वेरी – 47+ वर्षों के IT विशेषज्ञ, जिन्होंने इस प्रशिक्षण को स्वेच्छा से प्रदान किया।
📞 संपर्क करें:
👉 रोटेरियन वैशाली रावल (अध्यक्ष).
👉 रोटेरियन कर्नल राजेंद्र पांडे (सचिव).
👉 रोटेरियन . ज्योतिंद्र ज़वेरी (प्रशिक्षक): 95529 46949
🙏 आइए, मिलकर बदलाव लाएं!
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This blogpost by Jyotindra Zaveri, the social media consultant and trainer